सामान्य अवस्था
v शरीर में ताकत मध्यम होती है |
v पित्त दोष शरीर में बढ़ता है |
v पाचन शक्ति वर्षा ऋतु की अपेक्षा थोड़ी बढ़ जाती है ।
क्या प्रयोग करें
v अच्छी तरह से भूख लगने पर ही खाना खाए |
v मीठा, कड़वा , पचने में हल्का हो , ठंडी
तशीर वाले खाद्य पदार्थो का सेवन करना चाहिए |
v गेहू, जौ , चावल, मूंग की दाल, परवल का सेवन हितकर रहेगा |
v अगर संभव हो तो दिन के समय सूर्य की किरणों
और रात के समय में चंद्रमा की किरणों में द्वारा शुद्ध पानी का प्रयोग पीने एवं
नहाने के लिए किया जाना चाहिए |
v रात में चंद्रमा की किरणों का सेवन स्वास्थ्य
के लिए अनुकूल है।
v शरीर पर चन्दन का लेप करें |
क्या प्रयोग न करें
v दिन की नींद, अत्यधिक भोजन, सूरज की रोशनी के अत्यधिक संपर्क, पूर्वी हवा के झोकों से बचना चाहिए |
v अत्यधिक गरम तशीर वाले , नमकीन, तीखा,
खट्टा,वसा, तेल, दही, पानी में रहने वाले जीवों के मांस का सेवन आदि जैसे
खाद्य पदार्थों को भी इस मौसम के दौरान आहार में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
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